Wafer Scale Integration: Simplifying the Advanced Manufacturing Process for Better Understanding
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Wafer Scale Integration (WSI) तकनीक इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में पूर्णतः नई खोज है, इस तकनीक में इण्टीग्रेट सर्किट को माइक्रो सिलिकॉन चिप पर पेस्ट करके पूरे मदरबोर्ड, या फिर कोई प्रोसेसर अथवा ग्राफिक कार्ड या कोई भी सेमीकण्डक्टर चिप को बनाया जा सकता है, जोकि आज के मौजूदा सबसे हाई Configuration board से कहीं अधिक शक्तिशाली हैं Ì
हमने इस ब्लॉग के माध्यम से एक जटिल प्रक्रिया को आसान भाषा में आप तक पहुंचाने की कोशिश की है ताकि Wafer Scale Integration (WSI) की उन्नत Manufacturing प्रक्रिया को सरल शब्दों में समझा जा सके, ताकि कोई भी तकनीकी बैकग्राउंड के बिना भी इसके महत्व को समझ सके।
Wafer Scale Integration (WSI) तकनीक क्या है-
मौजूदा Technology में किसी भी उपकरण को अधिक से अधिक छोटा या फिर अधिक से अधिक बड़ा बनाने की होड़ हमेशा से मार्केट में बनी हुई है, आज से लगभग 3 या 4 दशक पहले डेस्कटॉप से लेपटॉप पर विकसित तकनीक को पोर्टेबिलिटी का सबसे बड़ा शिखर माना जाता था उसके 2 दशक बाद इसकी जगह स्मार्टफोन ने ले ली और आज पोर्टेबल टेक्नोलॉजी स्मार्टवाच के माध्यम से हमारी कलाई तक जा पहुंची हैÌ
Wafer Scale Integration (WSI) इसी कड़ी में अत्यंत नवीन तकनीक है जिससे मौजूदा मार्केट में यूज होने वाले सभी सेमीकण्डक्टर्स चाहे वो कम्प्यूटर, मोबाइल, इलेक्ट्रिकल व्हीकल, और किसी भी Artificial Intelligence devices में बहुत ही छोटी सी जगह लेते हुए सिंगल सिलिकॉन चिप में कन्वर्ट किये जा सकते हैं, और इनकी processing, efficiency, electric consumption, cooling capacity मौजूदा किसी भी इण्टीग्रेडेट चिप से कहीं अधिक हो सकती हैÌ
Wafer Scale Integration (WSI) तकनीक में प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) को उसी सामग्री से बदला जा सकता है जिससे चिप बनते हैं, यानी सिलिकॉन। आसान भाषा में समझें तो, WSI तकनीक मोबाइल फ़ोन के अंदर जो “बोर्ड” होता है, उसे बनाने के लिए उसी “मटेरियल” (सिलिकॉन) का उपयोग करता है जिससे फ़ोन की चिप बनती है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सिलिकॉन, प्रकृति में अपने शुद्ध रूप में नहीं पाया जाता है. यह सिलिका से प्राप्त किया जाता है, जो कि रेत का मुख्य घटक है। सिलिकॉ को हाई तापमान में गर्म करने पर सिलिकॉन और कार्बनमोनोऑक्साइड बनता है, इस सिलिकॉन को फिर से शुद्धिकरण प्रक्रिया से गुजारा जाता है, जिससे हमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाला उच्च शुद्धता वाला सिलिकॉन मिलता है।
हमारे पास यदि एक गोल बिस्किट जितने आकार का सिलिकॉन वेफर है, जिसको साफ करके एक “स्टैंसिल” (फोटोग्राफिक मास्क) का उपयोग करके उस पर डिज़ाइन बनाते हैं, जैसे किसी केक पर डिज़ाइन बनाते हैं। इस डिज़ाइन पर ही “मटेरियल” (सर्किट) डाला जाता है। फिर स्टैंसिल हटाकर, दूसरा स्टैंसिल लगाया जाता है और उस पर भी “मटेरियल” डाला जाता है। इस तरह परत दर परत “बोर्ड” बनता जाता है।
अब इस बिस्किट पर एक जैसी कई “चिप” बनती हैं। फिर उस बिस्किट के छोटे-छोटे टुकड़ों को चेक किया जाता है कि वो सही से बना है या नहीं। जो ख़राब होते हैं उन्हें हटा दिया जाता है और जो अच्छे होते हैं उन्हें पैक करके फ़ोन में लगाया जाता है। यह तरीका फ़ोन को छोटा, तेज़ और सस्ता बनाने में मदद करता है। एक डिनर प्लेट के आकार के सिलिकॉन वेफर पर दर्जनों सर्वरों की शक्ति को समेटा जा सकता है।
और इन बोर्ड की खासियत यह होती है कि इसपर जो सर्किट सेट किया गया है उसको द्वारा से रिप्रोग्राम किया जा सकता है यानी उसी बोर्ड पर जहॉं हम एण्ड्रायड को चला रहे होते हैं तो उस पर हम विन्डोज को भी रन कर सकते हैं, और खराब होने की स्थिति में सर्किट के उस हिस्से को रिप्लेस भी कर सकते हैं Ì यह बदलाव छोटे, हल्के उपकरणों और शक्तिशाली कंप्यूटरों के निर्माण में क्रांतिकारी साबित हो सकता है।
Wafer Scale Integration (WSI) भविष्य की आवश्यकता
चाहे कोई भी व्यापार हो, सरकार हो अथवा कोई देश हो सभी की मुख्य आवश्यकता आज डेटाबेस बन चुका है के आधुनिक डेटा सेंटर विशालकाय उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। ये डेटा सेंटर आज मेगावाट में बिजली की खपत करते हैं और पूरी की पूरी वेयरहाउस जितनी बड़ी जगह घेरते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य है बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग और स्टोरेज करना Ì
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर तकनीक की आपूर्ति को लेकर अमेरिका और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच, भारत के एक शीर्ष सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि प्रतिस्पर्धा अब NVIDIA के उत्पादों से आगे बढ़ चुकी है।
अजीत डोभाल की अगुवाई वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य, अंशुमान त्रिपाठी ने 17 मई को गुरुग्राम में मनीकंट्रोल और CNBC TV18 AI एलायंस NCR चैप्टर में कहा, “NVIDIA अब अतीत की बात हो गई है। अब नई तकनीक Wafer Scale Integration है, सेमीकंडक्टर चिप्स वेफर से बनाए जाते हैं। एक वेफर को काटकर कई चिप्स निकाले जाते हैं। लेकिन अब सबसे अच्छी कंपनियां AI गणना के लिए पूरे वेफर के आकार की चिप बना रही हैं। निकट भविष्य में ऐसी ही चीजें हमें देखने को मिलेंगी जो सेमीकंडक्टर को अगले स्तर पर ले जाएंगी।”
त्रिपाठी के इस बयान से यह साफ है कि AI क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा अब Wafer Scale Integration जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर केंद्रित हो गई है। यह तकनीक AI चिप्स के प्रदर्शन और क्षमता को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाने का वादा करती है। आने वाले समय में यह क्षेत्र बहुत तेजी से आगे बढ़ेगा और वैश्विक शक्ति संतुलन को भी प्रभावित करेगा।
Wafer Scale Integration तकनीक चर्चा का विषय इसलिये भी है क्योंकि अमेरिका की अग्रणी कंपनी Cerebras Systems ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीप लर्निंग कार्यों के लिए विशेष रूप से कंप्यूटर सिस्टम डिज़ाइन किए हैं, 2016 में स्थापित हुई इस कंपनी ने तकनीकी जगत में Wafer Scale Integration चिप पर सफलता पाकर हलचल मचा दी हैÌ
Cerebras ने दुनिया का सबसे बड़ा चिप, “Wafer Scale Engine” विकसित किया है, जो पारंपरिक चिप्स से कहीं अधिक शक्तिशाली और कुशल है। यह एक पूरे सिलिकॉन वेफर पर फैला हुआ है और इसमें अरबों ट्रांजिस्टर हैं।
यह Wafer Scale Engine पारंपरिक CPU और GPU की तुलना में AI कार्यों को बहुत तेज़ी से रन कर सकता है, जिससे जटिल मॉडल को प्रशिक्षित करने में लगने वाला समय कम हो जाता है। अपनी अनूठी structure के कारण, Cerebras के सिस्टम पारंपरिक सिस्टम की तुलना में बहुत कम ऊर्जा की खपत करते हैं, जिससे operating costs कम होती है।
इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया में हमेशा से ही छोटे और शक्तिशाली उपकरण बनाने की चाहत रही है। एक तरफ हम जेब में समा जाने वाले स्मार्टफोन लेकर चलते हैं, तो दूसरी तरफ विशाल डेटा सेंटर में पहाड़ जैसा डेटा प्रोसेस करते हैं, यह दोनों ही तरह की टेक्नोलॉजी हमारी ज़िंदगी को आसान और बेहतर बना रही हैं। छोटे उपकरण हमें कहीं भी, कभी भी जानकारी और मनोरंजन से जोड़े रखते हैं, तो वहीं बड़े सिस्टम जटिल समस्याओं को सुलझाने और नई खोज करने में मदद करते हैं।
worldbridge ऐसा मानता है कि यह सफर हमें सिखाता है कि हम अपनी सोच और लगन से किसी भी सीमा को पार कर सकते हैं। टेक्नोलॉजी की दुनिया में हर दिन नए मुकाम हासिल हो रहे हैं और आगे भी होते रहेंगे!