2023 में निफ्टी और सेंसेक्स का सालाना रिर्टन 20% बाजार हुआ गुलजार
साल के अंतिम कारोबारी सत्र में हल्की सी मुनाफा वसूली और मिले जुले संकेतों के साथ बाजार में मामूली गिरावट के साथ हुआ कारोबार. आज साल के अंतिम कारोबारी दिवस रहा.
विकसित भारत के साथ हम 2024 में प्रवेश करने जा रहे हैं बाजार की दृष्टि से देखा जाए तो साल 2023 निवेशकों के लिये सर्वाधिक यादगार रहा इस साल बाजार की चाल के रिटेल इन्वेस्टर को आत्मविश्वास के साथ ट्रेड में बने रहने का हौसला दिया साथ ही उनकी निवेश क्षमता को भी बढ़ाया है.
कुछ बातें जिससे मार्केट को बढ़त मिली -
Some things that helped the market grow.
विधान सभा चुनावों में BJP को मिली बढ़त और आगामी लोक सभा चुनाव इसमें सबसे महत्वपूर्ण कारण साबित हुआ है.
वैश्विक स्थितियों में सुधार के साथ-साथ मुद्रास्फीति में नरमी के साथ-साथ आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी पर रोक, भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन और प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी के संकतों ने बाजार को यथावथ कारोबार करने का मौका दिया.
28 दिसम्बर की स्थिति तक बीएसई सेंसेक्स ने जहॉं 19 प्रतिशत की बढ़त हासिल की वहीं सिम्बर से चल रही निफ्टी की रैली ने 20 प्रतिशत का एनुअल रिटर्न देते हुए निवेशकों की संपत्ति में 80 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा का इजाफा किया है. 2021 में कोविड के कारण धाराशायी हुए मार्केट की 2021 के दौरान की रिकवरी को छोड़ दिया जाए तो बीएसई सूचकांक ने अब तक का सबसे अच्छा परफार्म किया है. लगातार 8 वर्षों सेंसेक्स और निफ्टी ने सकारात्मक रिटर्न देकर चल रहा है. सेंसेक्स का मात्र दिसम्बर का रिर्टन देखा जाए तो 8% रहा है
Top Gainers of the year:
मार्केट के इस उछाल को देखते हुए हमारी उम्मीदे संयमित रखनी चाहिए. We should keep our expectations in control, considering the current rise in the market.
अब जबकि हम 2024 में एक ओवर बाउड मार्केट में कदम रखने से पहले कुछ सावधानियॉं रखनी होगी. मार्केट को प्रभावित करने वाले rights और रेग्यूलेशन को ध्यान में रखते हुए कारोबार में उतरें उभरते रूझानों और मार्केट को आकार देने वाले शेयर्स पर नजर बनाकर रखें. किसी भी शेयर का फण्डामेंटल और फाइनेंसियल डिटेल और भविष्य की योजनाअें के साथ-साथ तिमाही रिजल्ट को आवश्यक रूप से देखें. न्यूज का शिकार होने से बचें
कोशिश करें की आपका पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड रहे ताकि बाजार के उतार चढ़ाव के बीच रिस्क के साथ निवेश बरकरार बना रहे, टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और रिन्यूवल एनर्जी पर सरकार की नीतियों पर ध्यान बनाकर रखें.
खुदरा निवेशक अपना जोखिम कम करने के लिहाज से लार्जकैप और मल्टीकैप फंड में एकमुस्त न निवेश न करते हुए SIP के साथ उस शेयर्स में निवेश रखें ताकि बाजार की बढ़त के साथ आपका छोटा निवेश भी आपको फायदा दे सके. विशेषज्ञों के मुताबिक पोर्टफोलियो का वर्गीकरण लार्ज-मिड और स्मालकैप फंड का चुनाव करके बिल्डप करें.
मार्केट के उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी पूर्ण रूप से मुखर रहा है असुरक्षित माने वाले कर्ज पर रोक, नये लोन से पुराने लोन को चुकाने महंगाई को काबू में लाने, और बैंकों में ग्राहक सेवाओं को और बेहतर बनाने के जैसे कदमों को लेकर पूरे साल ग्राहकों के लिए अपडेट रहा. आरबीआई की नवीन नीतियों जैसे रेपो रेट कटौती पर होगी. साथ ही डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) जैसी सकुलर्स को ध्यान में रखना होगा.