भारत में बढ़ते कैंसर (Cancer) के मामले चिंताजनकः 2030 तक 12% तक बढ़ने की संभावना
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भारत में बढ़ते कैंसर (Cancer) के मामले भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए चिंताजनक हैं, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने लोकसभा को इसके संज्ञान में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम की रिर्पोट का हवाला देते हुए बताया कि 2023 में भारत में कैंसर के अनुमानित मामले 1,496,972 थे, जबकि 2022 में 1,461,427 थे। जोकि चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं,
वहीं डब्ल्यूएचओ की कैंसर (Cancer) एजेंसी, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत में साल-दर साल इस रोग का खतरा काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है, कम उम्र के लोग भी इस रोग के शिकार पाए जा रहे हैं। आनुवांशिकी और पर्यावरणीय कारकों के साथ लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण कैंसर का खतरा और इससे मौत के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।
हाल के वर्षों में भारत, कैंसर (Cancer) के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है, जिसके कारण अग्रणी हेल्थकेयर श्रृंखलाओं में डायग्नोसिस, केयर और मैनेजमेंट में ऑन्कोलॉजी अब कार्डियोलॉजी से प्रतिस्पर्धा कर रही है। भारत में कैंसर की जांच और शीघ्र पता लगाने के कार्यक्रम उतने प्रचलित और व्यापक नहीं हैं, जितने होने चाहिए, खासकर जब विकसित देशों के साथ तुलना की जाती है।
भारत में बढ़ते कैंसर (Cancer) के मामले में सबसे अधिक किस प्रकार के कैंसर मरीज पाये गये-
हमारा शरीर अरबों कोशिकाओं से बना है। कोशिकाएँ का समूह मिलकर हमारे शरीर के ऊतकों और अंगों का निर्माण करती हैं। शरीर के अंग बहुत अलग-अलग काम करते हैं। उदाहरण के लिए, तंत्रिकाएँ और मांसपेशियाँ अलग-अलग काम करती हैं, इसलिए कोशिकाओं की संरचनाएँ अलग-अलग होती हैं।
कैंसर (Cancer) विश्वभर में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है, कैंसर को किसी विशेष केटेगरी में विभाजित करना मुश्किल है क्योंकि अब तक की रिसर्च में कैंसर के 200 से अधिक प्रकार सामने आऐ हैं और हम कैंसर को उनके शरीर में शुरू होने के स्थान के अनुसार वर्गीकृत कर सकते हैं, जैसे स्तन कैंसर या फेफड़ों का कैंसर। पिछले कुछ सालों के आंकड़ों के अनुसार, भारत में पुरुषों में सबसे ज्यादा मुंह और फेफड़ों के कैंसर (Cancer) के मामले सामने आए. वहीं महिलाओं में सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट और गर्भाशय के कैंसर के रहे हैं,
हाल ही में वित्तमंत्री ने अपने अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने पर ध्यान दिया। जिसमें सर्वाइकल कैंसर के खतरे से बचने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टीकाकरण के लिए बजट में शामिल किया गया है. इसके तहत 9-14 साल की लड़कियों का टीकाकरण करके कैंसर (Cancer) के जोखिमों को कम करने पर ध्यान दिया जाएगा।
महिलाओं में वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ता कैंसर (Cancer) है, सर्वाइकल कैंसर, जिसके कारण हर साल लाखों महिलाओं की मौत हो जाती है। भारत में, सर्वाइकल कैंसर 18.3% (123,907 मामले) की दर के साथ तीसरा सबसे आम कैंसर है। रिपोर्ट के अनुसार 9.1% की मृत्यु दर के साथ ये महिलाओं में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण भी है।
भारत में बढ़ते कैंसर (Cancer) के मामले सबसे जटिल कैंसर किस प्रकार की श्रेणी में देखे गये हैं-
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2020 में दुनिया भर में सबसे अधिक मौतें (10 मिलियन) होने वाले कैंसर (Cancer) निम्नलिखित हैं:
- फेफड़े का कैंसर (1.8 मिलियन मौतें)
- स्तन कैंसर (685,000 मौतें)
- कोलोरेक्टल कैंसर (935,000 मौतें)
- पेट का कैंसर (769,000 मौतें)
- यकृत कैंसर (830,000 मौतें)
इन आंकड़ों के बावजूद कैंसर (Cancer) की जटिलता का निर्धारण करना कठिन है क्योंकि यह कई कारकों पर निर्भर करता है:
जीवित रहने की दर: कुछ कैंसर, जैसे कि ल्यूकेमिया और लिम्फोमा, की तुलना में अन्य कैंसर, जैसे कि पेट के कैंसर और अग्नाशय के कैंसर, की जीवित रहने की दर कम होती है।
उपचार की संभावना: कुछ कैंसर, जैसे कि स्तन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर, की तुलना में अन्य कैंसर, जैसे कि मस्तिष्क ट्यूमर और अग्नाशय के कैंसर, के लिए उपचार की संभावना कम होती है।
दर्द और पीड़ा: कुछ कैंसर, जैसे कि हड्डी के कैंसर और यकृत कैंसर, अत्यधिक दर्द और पीड़ा का कारण बन सकते हैं।
मानसिक प्रभाव: कुछ कैंसर, जैसे कि स्तन कैंसर और अंडाशय के कैंसर, का महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
भारत में बढ़ते कैंसर (Cancer) के मामले में यहां कुछ अन्य कैंसर हैं जो भयानक माने जाते हैं:
मस्तिष्क ट्यूमर: मस्तिष्क ट्यूमर जीवन के लिए खतरा हो सकते हैं और इलाज करना मुश्किल हो सकता है
अग्नाशय का कैंसर: अग्नाशय के कैंसर की जीवित रहने की दर कम होती है और इसका इलाज करना मुश्किल होता है।
अंडाशय का कैंसर: अंडाशय के कैंसर का पता लगाना मुश्किल हो सकता है और यह आक्रामक रूप से फैल सकता है।
हड्डी का कैंसर: हड्डी का कैंसर दर्दनाक हो सकता है और इलाज करना मुश्किल हो सकता है।
कैंसर (Cancer) से बचाव: स्वस्थ आदतें, स्वस्थ जीवन
(Cancer) कैंसर, आज के समय में, मानव जीवन के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है। यह एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है और इसके निवारण के लिए कोई एक निश्चित तरीका नहीं है। लेकिन, कुछ स्वस्थ आदतों को अपनाकर हम कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। worldbridge ने इस लेख के माध्यम से कैंसर से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण स्वस्थ आदतों के बारे प्रकाश डाला है-
1. स्वस्थ आहार:
फल और सब्जियां: अपने आहार में भरपूर मात्रा में फल और सब्जियां शामिल करें। इनमें एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने में मदद करते हैं।
साबुत अनाज: साबुत अनाज, जैसे कि ब्राउन राइस, ओट्स और दलिया, फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं। फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और कैंसर के खतरे को कम करता है।
प्रोटीन: कम वसा वाले प्रोटीन स्रोत, जैसे कि मछली, मुर्गी पालन, फलियां और नट्स, चुनें।
वसा: असंतृप्त वसा, जैतून का तेल, एवोकैडो और नट्स, का सेवन करें और संतृप्त और ट्रांस वसा से बचें।
चीनी: चीनी और मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम करें।
2. शारीरिक गतिविधि:
प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करें।
गतिविधि के विभिन्न प्रकारों को शामिल करें, जैसे कि चलना, दौड़ना, तैरना, साइकिल चलाना, या नृत्य।
यदि आप पहले से सक्रिय नहीं हैं, तो धीरे-धीरे शुरुआत करें और धीरे-धीरे अपनी गतिविधि के स्तर को बढ़ाएं।
3. धूम्रपान से बचें:
धूम्रपान कैंसर (Cancer) के सबसे बड़े जोखिम कारकों में से एक है।
• यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ने के लिए प्रयास करें।
• धूम्रपान छोड़ने के लिए कई सहायता समूह और कार्यक्रम उपलब्ध हैं।
• यदि आप धूम्रपान नहीं करते हैं, तो दूसरों के धूम्रपान से बचें।
4. शराब का अत्यधिक सेवन कैंसर (Cancer) के खतरे को बढ़ाता है।
• यदि आप शराब पीते हैं, तो पुरुषों के लिए प्रतिदिन दो पेय और महिलाओं के लिए प्रतिदिन एक पेय से अधिक न पीएं।
• शराब न पीने का प्रयास करें।
5. धूप से बचाव: धूप में अत्यधिक समय बिताने से त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ता है।
• धूप में जाने से पहले सनस्क्रीन लगाएं, जिसमें कम से कम एसपीएफ़ 30 हो।
• धूप में जाने के लिए टोपी और धूप का चश्मा पहनें।
• धूप में जाने से बचें, खासकर जब सूरज की किरणें सबसे तेज होती हैं (सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक)।
6. नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं:
नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाना कैंसर के शुरुआती चरण में पता लगाने में मदद करता है, जब इलाज अधिक सफल होता है।
• अपनी उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर उचित स्क्रीनिंग टेस्ट करवाएं।
• अपने डॉक्टर से बात करें कि आपके लिए कौन सी स्क्रीनिंग टेस्ट सबसे अच्छी है।
7. स्वस्थ वजन बनाए रखें:
अधिक वजन या मोटापे से कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ता है।
• स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए स्वस्थ आहार बनाए रखना आवश्यक है ।
