BIO CNG/CBG Plant: Setup and Installation Budget in 2024
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Toggle2024 में बायागैस प्लांट का यह आइडिया कर सकता है मालामाल
BIO CNG/CBG Plant की स्थापना के लिए वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि में Ministry of New and Renewable Energy द्वारा 600 करोड़ रूपये के बजट के साथ भारत के समस्त ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों सहित देश भर में नए BIO/CNG Plant की स्थापना को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, इस कार्यक्रम, में केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान करके शहरी, औद्योगिक और कृषि अपशिष्ट से बायोसीएनजी उत्पन्न करने के लिए संयंत्रों की स्थापना का समर्थन किया गया है।
Petroleum & Natural Gas ministry of India, किफायती परिवहन की दिशा में “सतत पोर्टल” के तहत 2023-24 तक 15 एमएमटी बायोसीएनजी के उत्पादन लक्ष्य के साथ 5000 BIO/CNG Plant स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहा है.
BIO CNG/CBG Plant के मुख्य घटक
BIO CNG में लगभग 55-65% मीथेन, 35-44% कार्बन डाइऑक्साइड और कुछ अन्य गैसें, जैसे हाइड्रोजन सल्फाइड, नाइट्रोजन और अमोनिया शामिल हैं, जिसे हम दैनिक उपयोग में ऊर्जा के नवीन साधनों के रूप में बगैर रिफाइन प्रोसेस के सीधे उपयोग में ला सकते हैं, जिससे घरेलु गैस, बिजली उत्पादन और इसके औद्योगिक रूप में उपयोग डीजल इंजनों में 80% तक डीजल के प्रतिस्थापन के लिए और 100% बायोगैस इंजन का उपयोग करके डीजल के 100% तक प्रतिस्थापन के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, बायोगैस को मीथेन सामग्री की 98% शुद्धता तक शुद्ध और उन्नत किया जा सकता है ताकि इसे 250 बार या उससे अधिक के उच्च दबाव पर परिवहन या सिलेंडर में भरने के लिए हरित और स्वच्छ ईंधन के रूप में उपयोग करने के लिए उपयुक्त बनाया जा सके और इसे संपीड़ित बायो-गैस (Compressed Natural Gas (CBG) कहा जाता है।
BIO CNG/CBG Plant को प्रारंभिक रूप में मवेशियों के गोबर को पचाने के लिए विकसित किए गए थे। जिनका मॉडल छोटा और घरेलु स्तर पर तैयार किया गया, जिसे, समय के साथ, विभिन्न प्रकार की बायोमास सामग्री और जैविक कचरे के जैव-मीथेनेशन के लिए प्रौद्योगिकी विकसित की गई है। सामुदायिक, संस्थागत और औद्योगिक/वाणिज्यिक अनुप्रयोगों के लिए बायोगैस संयंत्र के डिजाइन अब 1 एम 3 से 1000 एम 3 इकाई आकार या उससे अधिक तक उपलब्ध हैं और कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर, परिवार/घर, छोटे किसानों, डेयरी किसानों और उच्च बायोगैस संयंत्र आकार प्राप्त करने के लिए इसके गुणकों को स्थापित किया जा सकता है।
Ministry of New and Renewable Energy पूर्व की योजनाओं में BIO CNG/CBG Plant को पशुधन के आधार पर घरेलु उपयोगिता हेतु क्रियान्वयन किया था फिर उसमें सुधार करते हुए प्लांट के माध्यम से बिजली संयत्र स्थापित कर बिजली को खरीदने पर शासकीय सब्सिडी व अनुदान को प्रस्तावित किया गया, किंतु 2021-21 में इस प्रोजेक्ट में बदलाव करते हुए 2021-22 से 2025-26 तक अलग-अलग चरणों में प्लांट की स्थापना औद्योगिक स्तर पर करने हेतु नवीन पोर्टल के साथ-साथ एमओयू पध्दति से उद्यमियों को शामिल करते हुए रिवाइज्ड किया गया है जिसमें मिनिमम 2000 लीटर प्रतिदिन प्रोडक्शन प्लांट को सब्सिडी के माध्यम से पोषित करते हुए व्यापारिक स्तर पर प्लांट की स्थापना की नीव रखने का प्रावधान किया गया है जिसमें केवल BIO/CNG को उत्पादन पश्चात एमओयू आधारित तेल कंपनियों द्वारा विपणन का प्रावधान किया गया है.
सतत पोर्टल क्या है ?
SATAT पोर्टल के माध्यम से उद्यमियों को BIO CNG/CBG Plant स्थापित करने, Automotive fuel के रूप में बिक्री के लिए Petroleum Distribution Companies (IOCL, BPCL, HPCL, GAIL & IGL) (ओएमसी) को बायोसीएनजी का उत्पादन और आपूर्ति करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
इसी के साथ पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने 2018 में गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन (गोबर-धन) योजना शुरू की। गोबरधन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत स्वच्छ भारत मिशन चरण II का एक अभिन्न अंग है। एसबीएम (जी) के चरण- II के परिचालन दिशानिर्देश क्लस्टर की स्थापना के लिए 2020-21 से 2024-25 की अवधि के लिए प्रति जिले 50.00 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।
तेल और गैस कंपनियां BIO/CNG Plant के डिजाइन, निर्माण, कमीशनिंग में Plant के मालिकों के साथ प्रमाणित एमओयू के माध्यम से सुविधा प्रदान करेंगी। जिसमें तेल एवं गैस कंपनियाँ Plant द्वारा उत्पादन से प्राप्त BIO/CNG की मार्केटिंग करेंगी। तेल और गैस कंपनियां सीबीजी संयंत्रों से उत्पादित जैव-खाद के विपणन की भी सुविधा प्रदान करेंगी। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए, इंडियन ऑयल ने नेशनल एग्रीकल्चरल को ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। तेल और गैस कंपनियां BIO/CNG Plant की स्थापना की सुविधा के लिए पंजाब, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्य सरकारों के साथ समझौता ज्ञापन की प्रक्रिया हेतु प्रयासरत हैं, शहरी गैस वितरण (सीजीडी नेटवर्क) में एसएटीएटी योजना के तहत संयंत्रों द्वारा उत्पादित सीबीजी के सिंक्रनाइज़ेशन के लिए नीति दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
गोबर-धन योजना क्या है?
गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन (गोबर-धन) भारत सरकार की संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण पर आधारित एक व्यापक पहल है। इसमें योजनाओं के संपूर्ण दायरे को शामिल किया गया है.गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन) पहल के तहत 500 नए ‘अपशिष्ट से धन’ संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इनमें 200 संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र शामिल होंगे, जिनमें शहरी क्षेत्रों में 75 संयंत्र और 300 समुदाय शामिल होंगे। या 10,000 करोड़ के कुल निवेश पर क्लस्टर-आधारित संयंत्र। उचित समय पर, प्राकृतिक और बायोगैस का विपणन करने वाले सभी संगठनों के लिए 5 प्रतिशत सीबीजी जनादेश पेश किया जाएगा। बायोमास के संग्रह के लिए और जैव-खाद का वितरण, उचित वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। मिश्रित संपीड़ित प्राकृतिक गैस पर करों के व्यापक वितरण से बचने के लिए, इसमें शामिल जीएसटी-भुगतान संपीड़ित बायोगैस पर उत्पाद शुल्क में छूट देने का प्रस्ताव निर्धारित है.
BIO/CNG Plant की स्थापना हेतु सरकारी मदद व सब्सिडी का प्रावधान-
Ministry of New and Renewable Energy Department द्वारा प्रदान की जाने वाली केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) “शहरी, औद्योगिक, कृषि अपशिष्टों से ऊर्जा पर कार्यक्रम” के तहत संपीड़ित BIO CNG/CBG Plant की परियोजनाओं के लिए पूंजी सब्सिडी प्रदान करती है।
परियोजना
Bio CNG / Enriched Biogas / Compressed Bio Gas
वित्तीय सहायता प्रावधान
4 करोड़ रूपये – 4800 किलोग्राम प्रतिदिन उत्पादित BIO CNG प्रति इकाई
10 करोड़ रूपये अधिकतम 12000 मैट्रिक टन उत्पादित इकाई
विवरण
आगामी समस्त परियोजनाऍं जो कि BIO CNG जिसमें अपिशिष्ट, गोबर एवं कृषि आधारित कच्चे मटेरियल के प्रबंधन पर आधारित इकाइयां है,
यदि डेवलपर पूर्व संस्थापित बायोगैस या डिस्टिलरी एफ्लुएंट आधारित बायोगैस संयत्र पर पुनः उत्पादन इकाई स्थापित करना हाता है तो उस पर 3 करोड़ प्रति मेगावाट के अनुसार देय होगा
इसी प्रकार बायोगैस एवं थर्मल प्लांट आधारित बिजली संयत्रों को भी प्रति मेगावाट के अनुसार वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है.
अलोटमेंट प्रकिया क्या ?
SATAT कार्यक्रम में भाग लेने के लिए BIO CNG/CBG Plant की न्यूनतम डिजाइन क्षमता 2.0 टन प्रति दिन (टीपीडी) है। आवेदन ई-टेंडरिंग पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत करना होता है जिसके लिए आवेदक के पास ई-टेंडरिंग पोर्टल में विवरण दर्ज करने के लिए एक वैध डिजिटल प्रमाणपत्र होना आवश्यक है.
तेल और गैस कंपनियों द्वारा हर महीने 30 दिन की निर्धारित समयावधि के लिए EOI जारी करता है. एक बार जब एक EOI बंद हो जाती है, तो अगले महीने में एक और EOI जारी की जाती है, आवेदन में आवेदक को प्रस्तावित स्थान अंकित करना होता है.
ईओआई जमा होने के बाद पूर्वनिर्धारित सेट और मापदण्डों के आधार पर ईओआई का मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें योग्य आवेदकों को संबंधित तेल और गैस कंपनी द्वारा आशय पत्र जारी किया जाता है। यदि उस लोकेशन में संयत्र की स्थापना हेतु EOI जारी की गई है तब. बायो-गैस/सीबीजी (आवेदन की तिथि के अनुसार) उत्पादन करने वाले मौजूदा संयंत्र वाले दलों के लिए, जिन्होंने एलओआई के लिए आवेदन किया है, उन्हें एक महीने के भीरत 1 लाख रूपये प्रति इकाई की राशि जमा करना अनिवार्य होता है. इसी प्रकार नई पार्टी जिन्हें संयंत्र स्थापित करना है, 5 लाख रूपये प्रति सीबीजी प्लांट एलओआई जारी होने के एक महीने के भीतर जमा करना होता है.
बैंक गारंटी रकम के सफलतम रूप से जमा होने पर, सीबीजी प्लांट स्थान के आधार पर, संबंधित राज्य कार्यालय को एलओआई धारक के बारे में सूचित किया जाता है, और एलओआई धारक और संबंधित कार्यालय के बीच आपसी सहमति से, रिटेल दुकानों को अंतिम रूप दिया जाता है। आवंटित आरओ की संख्या प्रस्तावित सीबीजी उत्पादन क्षमता पर निर्भर करती है और आवंटित आरओ का स्थान प्रस्तावित सीबीजी संयंत्र के स्थान पर निर्भर करता है।
एचपीसीएल के मुताबिक सीबीजी की मूल खरीद कीमत 31.03.2024 तक वैध रहेगी। 01.04.2024 से खरीद मूल्य में समय-समय पर संशोधन होगा, हालांकि न्यूनतम खरीद मूल्य रुपये से कम नहीं होगा। 01.04.2024 से 31.03.2029 की अवधि के लिए 46/किग्रा + कर सहित लागू की गई है .
आवश्यक पोर्टल लिंक जिनकी मदद से आप BIO CNG/CBG Plant प्रोजेक्ट में कार्य कर पाऐंगे
Disclaimer :
Worldbridge द्वारा उक्त समस्त जानकारी विभिन्न पोर्टल और रिसर्च के माध्यम से संकलित की हैं जिनमें से कुछ शासकीय पोर्टल की जानकारियों एवं अन्य अशासकीय वेबसाइट से आपतक सही जानकारी पहुंचे इसके लिए प्रयास किया गया है, यदि आप इस क्षेत्र् में आगे बढ़ना चाहते हैं तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही आगे बढ़ें, उक्त योजना में बहुत सारे शासकीय उपक्रमों के साथ तालमेल में आपको वित्तीय जोखिम हो सकता है, वर्ल्ड ब्रिज किसी भी प्रकार से किसी भी व्यक्ति विशेष को प्रेरित नहीं करता है.
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