भारत रत्‍न के प्रबल दावेदार डॉ. सर हरिसिंह गौर : आइए हम सब मिलकर डॉ. गौर को भारत रत्‍न दिलाऍं

भारत रत्‍न के प्रबल दावेदार डॉ. सर हरिसिंह गौर : आइए हम सब मिलकर डॉ. गौर को भारत रत्‍न दिलाऍं

डॉ. सर हरिसिंह गौर एक सागर क्षेत्र की जनता के लिए एक ऐसा नाम है जिनका वंदन करने के लिए शहर के बच्‍चे से लेकर जवान और बूढ़े तक सभी के सिर झुक जाते हैं,  डॉ. गौर ने केवल सागर या मध्‍यप्रदेश और भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्‍व में शिक्षा, कानून, सामाजिक सुधार और साहित्य जैसे विविध क्षेत्रों में अपनी गहरी छाप छोड़ी है। 

आजादी के पूर्व जहां एक और पूरे देश में आजादी के लिए हमारे भाईबंधु लगातार संघर्ष कर रहे थे वहीं अपनी मिट्टी का कर्ज चुकाने डॉ. गौर ने अपने शहर सागर का रूख किया उन्‍होंने ऐसे शहर में एक विश्‍वविद्यालय की परिकल्‍पना की जहां पेन की स्‍याही के लिए भी महीनों इंतजार करना होता था. 

19वीं सदी के उस दौर में जहां देश की आम जनता में शिक्षा का इतना प्रसार भी नहीं हुआ था कि वह अपनी पढ़ाई को मैट्रिकुलेशन के आगे भी सोच सके और सागर शहर जो उस समय सैकड़ों गढ़ी और टोरियों में देश में कहीं खोया हुआ था वहां की जनता के लिए उन शिक्षाविद ने विश्‍वविद्यालय की सौगात देकर सागर के जन-जन को निहाल कर दिया, शहर की जनता को शिक्षा का ऐसा अमृत दिया कि आज शहर ही नहीं बल्कि पूरा देश इसका रसास्‍वादन कर शिक्षा रूपी अमृत को ग्रहण कर रहा है. 

डॉ. सर हरिसिंह गौर एक ऐसा व्यक्तित्व हैं जिन्‍होंने अपने समय में अनेक क्षेत्रों में असाधारण कार्य किये हैं, उनकी दूरदर्शिता, प्रतिबद्धता और राष्ट्र सेवा की भावना उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा देती है। उनकी स्मृति को भारत रत्न से सम्मानित करना उनके द्वारा किए गए कार्यों के प्रति सच्ची कृतज्ञता होगी।

डॉ. सर हरिसिंह गौर क्‍यों है भारत रत्‍न के सच्‍चे हकदार

डॉ. गौर हमें एक ऐसी प्रेरणा है जिनके बारे में लिखना हमारी बौध्दिक क्षमता से परे हैं लेकिन उनके द्वारा किये गये कार्यों को बिंदूवार रखकर हम देश की सरकारों से आव्‍हान करना चाहते हैं कि उन्‍हें भारत रत्‍न से सम्‍मानित करना शहर की जनता द्वारा डॉ. गौर को असली श्रध्‍दासुमन और श्रृध्‍दांजलि होगी.

डॉ गौर को भारत रत्‍न इस अभियान में शामिल हों-

डॉ. सर हरिसिंह गौर का जीवन और उनका काम न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि राष्ट्र निर्माण की गाथा का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। शिक्षा, कानून, सामाजिक सुधार और राष्ट्रीय आंदोलन, हर क्षेत्र में गौर जी ने अमिट छाप छोड़ी है। उनकी उपलब्धियां बोलती हैं, उनकी दूरदर्शिता प्रेरित करती है, और उनका त्याग हमें प्रेरित करता है। ऐसे महान विभूति को उनके योगदान के अनुरूप सम्मान मिलना चाहिए।

Worldbridge का आप सभी से आग्रह है कि आज हम सबको मिलकर यह आवाज उठानी है, और इस छोटे से प्रयास को भव्‍य बनाते हुए एक अभियान में शामिल होकर डॉ. सर हरिसिंह गौर को भारत रत्न से सम्मानित कर उनके सम्मान में, आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाएं और उन्‍हें श्रध्‍दा सुमन अर्पित करें. 

हम यह कर सकते हैं! आइए मिलकर डॉ. सर हरिसिंह गौर को उनका हक दिलाएं
'डॉ. गौर अमर रहें'

Pt. Javahar Lal Nehru Library
UTD Campus SiddhDham Road

Similar Posts

2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *